लखनऊ में 47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह का संबोधन
गृहमंत्री- आज सबसे मिल कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है...
यह समारोह समाधान निकालने के लिए होते है.. जरूरी है कि इस तरह के कार्यक्रमो के समाधान को नीचे तक लागू करना चाइए....
आज तक 1960 से 2019 जो कांग्रेस का आयोजन हुआ उसमें इस बात का ध्यान देना चाइए की आज तक जितने कांग्रेस हुए है उनमें हुआ क्या है.. क्या समाधान निकाला गया....
भारत के गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है कि केंद्र औऱ राज्य के बीच मे समन्वय का काम करे...
जनता का पुलिस को देखने का नजरिया व पुलिस को जनता को देखने का नजरिया बदलना होगा....
जनता को अनुभूति करना होगा कि जब लोग त्यौहार मना रहे होते है तब हमारे जवान काम कर रहे होते है...
उच्च अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि सभी पुलिस वालों के अंदर कार्य का गर्व पैदा करे...
मोदी जी के आने के बाद अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने का काम हो रहा है ।
फेक करेंसी को रोकने की ज़िम्मेदारी किस की है ... यह सब ज़िम्मेदारी हमारी है... जिससे हम मोदी जी का सपना पूरा कर पाएंगे 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का ...
15 हज़ार km की लैंड बाउंड्री , 75 हज़ार की कोस्टल बाउंडरी है ... जिसके लिए हमे अभेद सुरक्षा तंत्र बनाने की जरूरत है... दुश्मन को कही भी जगह देने की जरूरत नही है...
मुझे भरोसा है कि हम मोदी जी के सपने को पूरा कर सकते है , इसके लिए इंटरनल सिक्योरिटी को मजबूत करने की जरूरत है ...
सिर्फ टेक्नोलॉजी से नही भवनाये भी होना जरूरी है.... अच्छी बिल्डिंग से कुछ नही होता.. भावना अच्छी होनी जरूरी है....
मोटिवेशनल लीडरशिप के बिना कुछ नही हो सकता.... *आज मैं गर्व से कह सकता हु की योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारा है...*
आंतरिक सुरक्षा व वाह्य सुरक्षा के बीच समन्वय गृह मंत्रालय की ज़िम्मेदारी।
पुलिस और जनता का एक दूसरे को देखने के नज़रिए में बदलाव ज़रूरी
किसी भी घटना में पहले रिस्पांडर की ज़िम्मेदारी पुलिस की होती है।
पुलिस में जनता का विश्वास बनाना ज़रूरी।
गृहमंत्री- सफलता तभी मिलेगी जब कांस्टेबल से dgp तक एक फ़ोर्स के रूप में काम हो...
इसी सत्र में Ipc crpc में बदलाव करेगी सरकार...